यहाँ कोई नियम नहीं, कोई बंदिश नहीं, बस वही बोलिए जो आपके अन्दर है, क्योंकि आपके अन्दर है भारत कि असली तस्वीर, तो छोडिये बनावटीपन, और आज निकाल डालिए मन कि भड़ास, अपनी रचना भेजने, अपनी बात कहने के लिए हमें मेल करें. editor.bhadohinews@gmail.com

शनिवार, 2 जुलाई 2011

देश का एकमात्र खुशहाल परिवार


कुछ महत्वपूर्ण सन्देश

१) १५ लाख करोड़ रुपये स्विस बैंकों से निकाल कर अन्यत्र छुपा दिए गए है.
२) चीन ने अपनी स्वयं की व्यवस्था से सिर्फ ४ सालों में ४३ किलोमीटर लंबा समुद्री पुल बना कर विश्व की सबसे तेज़ रफ़्तार की रेल चला दी, देखा चीनियों में "स्वदेसी" होने का गर्व !
३) हजारों देश भक्तों ने अपना बलिदान देकर अंग्रेजों से वतन को मुक्त कराया, आज कुछेक गद्दार फिर गुलाम बनाने को आतुर है !
४) अंग्रेज तो हमारा ४०० लाख लूटने में सैंकड़ों सालों तक डटे रहे पर हमारे अपने इन अंग्रेजों ने तो ६० सालों में ही हमें बर्बाद कर दिया , फिर भी ..........
५) कृपया मुलायम चमड़ें से बनी वस्तुओं यथा पर्श,जूते,बेल्ट आदि का बहिस्कार करें क्योंकि ये गाय माता की दुर्दशा की निशानी है.
६) क्या आपको मालूम है कि "लिपस्टिक"में छिपकली,गाय,सूअर आदि का खून इस्तेमाल होता है !   
जुगल किशोर सोमाणी , जयपुर

सुरेश कलमाड़ी जेल सुपरिंटेंडेंट के चैंबर में उनके साथ चाय-नाश्ता कर रहे थे


तिहाड़ जेल में बंद 2जी और कॉमनवेल्थ घोटालों के आरोपी जेल में भी ऐश की जिंदगी गुजार रहे हैं। इन वीआईपी कैदियों को जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय-नाश्ते, बैरक से आने-जाने, पूरी जेल में चाहे जहां घूमने और दूसरे आरोपियों से मिलने की पूरी छूट हासिल है।

ट्रायल कोर्ट के जज बृजेश कुमार गर्ग ने जब जेल का अचानक दौरा किया तो हाई प्रोफाइल विचाराधीन कैदियों को जेल के अधिकारियों से मिलने वाली खुली छूट को देख कर हक्के-बक्के रह गए। कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के मुखिया सुरेश कलमाड़ी जेल सुपरिंटेंडेंट के चैंबर में उनके साथ चाय-नाश्ता कर रहे थे। जज को 2जी घोटाले के आरोपियों की बैरक खुली मिली और आरोपी कहीं भी जाकर किसी से भी मिल सकते थे।

By:  mahabirparshad goel

डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज को दी गई रिपोर्ट में जज बृजेश गर्ग ने कहा, मैं सुरेश कलमाड़ी को जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय-नाश्ता करता देख कर हैरान रह गया।

जब गर्ग ने पूछा कि कलमाड़ी वहां क्या कर रहे हैं तो उन्हें जवाब मिला कि वह हॉस्पिटल जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि जेल सुपरिंटेंडेंट चाय-नाश्ते पर कोई जवाब नहीं दे पाए। सुपरिंटेंडेंट से कलमाड़ी को दिए जाने वाले मेडिकल ट्रीटमेंट का पूरा रेकॉर्ड देने के लिए कहा गया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स, 2जी स्पेक्ट्रम और नाल्को घोटालों के आरोपियों की बैरकों में ताला नहीं लगा था। हालांकि गर्ग को सभी आरोपी अपनी-अपनी सेल में ही मिले। गर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यह पाया गया कि जेल अधिकारी गर्मी की छुट्टियों के दौरान जज के अचानक दौरे की उम्मीद नहीं कर रहे थे और जेल अथॉरिटीज़ से हाई प्रोफाइल कैदियों को खुली छूट मिली हुई थी, जिसकी वजह जेल अथॉरिटीज़ ही बता सकते हैं।

तिहाड़ के पुराने बाशिंदे भी इस स्पेशल ट्रीटमेंट से बाहर नहीं थे। नीतीश कटारा की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए विकास यादव और विशाल यादव भी वहां सैर कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया, विशाल यादव और विकास यादव तय वक्त से अलग जेल के गार्डन में घूम रहे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट इसकी भी कोई सफाई नहीं दे सके।

गर्ग ने कहा, ऐसा लगता है कि जेल अथॉरिटीज़ ने 2 मानक बना रखे हैं। एक हाई प्रोफाइल कैदियों के लिए और दूसरा बाकी सबके लिए। जेल अधिकारियों की कृपा से सेंट्रल जेल नंबर-4 में हाई प्रोफाइल कैदी बिना किसी रोक-टोक के रह रहे हैं।

केदारनाथ "कादर" की दो कविताये

"सूअर -नेता  "

 मेरा पागल मित्र 
नेता शब्द से 
और ज्यादा 
पगला जाता है 
वह सूअरों के
आने पर खुश होकर 
गली में नाचता  है
वह -कहता है 
नेताओं से -सूअर के बच्चे
हैं ज्यादा अच्छे
मेरी गली में आकर 
सफाई कर जाते हैं 
अपने स्तर की 
गन्दगी खाकर 
मगर नेता आकर 
नाव के समय
बस वायदे दिखाता है
सब के सब झूठे
मांगता है भीख
तुम्हारे वोट की
यही कहते हुए
मैं -सूअर से अच्छा हूँ
      

केदारनाथ "कादर"


"संसद तमाशा "

संसद का तमाशा तुम करवाते हो
तुम पलते हो पांच साल तक मुस्टंडे
जो दिखाते हैं संसद में अनाचार
करते हैं दुष्कर्म -तुम्हारी भावनाओं से
तुम्हारे हक़ का हर विधेयक
वेश्यालय की मजबूर  रंडी पर
उछाले गए रुपयों की तरह है
जहाँ सरकार तुम्हारी आँख के सामने 
एक एक कपडे उतारकर तुम्हारे 
खुद को तैयार करती है 
तुम्हारे साथ दुष्कर्म करने को 
तुमे ही तो चुना है अय्यासी के लिए 
जो करेगी तुम्हारे पूरे जीवन काल तक
तुम्हारी अंतर आत्मा का बलात्कार
सदन की बेशर्म कार्यवाही की तरह
तुम्हें चारों  खाने चित्त नंगा लिटाकर
तुम्हारे पोर पोर सुख को सोखती है 
और तुम बेचारे कुत्ते से , जीभ निकालकर
बस करते हो इंतजार पांच साल 
एक नए नेता से बलात्कार का   

केदारनाथ "कादर"
 kedarrcftkj.blogspot.com   

सिंहासन खाली करवाने की बारी है

वर्तमान समय में हमारा भारत देश किन हालातो से गुजर रहा है .सब वाकिफ हैं |एक तरफ जहाँ इसी देश में भोजन करते समय न जाने कितनी बार यह सोचना पड़ता है कि कौनसी
डिश (खाना ) खाया जाये |तो दूसरी तरफ आधे से भी ज्यादा आबादी जिसको दो वक्त का खाना नहीं मिल पाता है ..और कुछ को मिल जाता है तो भरपेट नहीं मिल पाता है |
खैर जो भी हालात है बहुत ही चिंता जनक हैं और दुःख और तकलीफों से भरे हैं |और बढती महंगाई और टैक्स में यह तकलीफ आग में घी डालने का काम करती है |आज भारत का आम आदमी इस सरकारी तंत्र कि व्यवस्था से त्रस्त है |जरूरत कि चीजों के पैसे बढाकर ..उसे बार यही तर्क दिया जाता है कि सरकारी घाटे कि भरपाई के लिय ऐसा किया गया है | सरकारे किस प्रकार आम आदमी कि जेब से पैसा निकलती हैं | इसका बहुत से लोगो को पता है परन्तु बहुत सा वर्ग ऐसा है जो जानते हुए भी अनजान है | तो आइये पह्ले यही जान लेते हैं कि आम आदमी से कितना पैसा वसूला जा रहा है |

कुछ उदाहरणों से समझते हैं ----
आपको अपने ओफिस में है आपको लंच करना है और आप घर से खाना नहीं लाए तो आप कहाँ करेंगे ?
उत्तर - जाहिर सी बात है किसी होटल या रेस्तरां में ?
ध्यान देना आपको यहाँ फ़ूड टैक्स चुकाना पड़ता है |

आप कोई सर्विस लेते हैं या देते है तो आपको सर्विक्स टैक्स चुकाना पड़ता है |
यदि आप घर खरीदते है तो आपको स्टाम्प ड्यूटी व् रजिस्ट्रेशन टैक्स देना पड़ता है |
आप आपनी गाड़ी या फिर अन्य कोई साधन से यात्रा करते हैं तो आपको यात्रा टैक्स व् सड़क टैक्स देना पड़ता है

इसके अलावा अगर आप व्यापार करते है तो और जानिय
आपको प्रोफेसनल टैक्स देना पड़ेगा
यदि आप जिस भी चीज को अपने राज्य से बाहर भेज रहे हैं तो आपको सेंट्रल टैक्स , कस्टम ड्यूटी टैक्स आदि देना होगा
यदि आपको अपने व्यापार में मुनाफा होता है तो आपको इनकम टैक्स देना होगा
आप अपनी फेक्ट्री में चीजे Manufeture करते हैं तो आपको एक्साइज ड्यूटी टैक्स चुकाना पड़ेगा
यही आपको छोड़ नहीं दिया जाता .....
यदि आपका व्यापार मिलियन में है तो इसके लिय आपको टर्नओवर टैक्स और न्यूनतम अल्टरनेटिव टैक्स चुकाना होगा |
इसके अलावा भी बहुत सारे ऐसे अवसर जहाँ पर हम सबकी जेब पर वार किया जाता है |

माना कि अर्थव्यवथा में कुछ टैक्सेज जरुरी हैं ...लेकिन ये कहाँ कि अर्थ व्येव्स्था है जहाँ के नागरिको कि खून पसीने कि कमाई को चोरी करके विदेशी बैंको में जमा किया जाता है और वहाँ नागरिक मात्र 20 रूपये पर आपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हो जाएँ ?
यहाँ पर यह भी जान लेना जरुरी है कि भारत का जो लगभग 400 लाख करोड रुपया काले धन के रूप में विदेशी बैंको में जमा है |वो यदि भारत कि अर्थ व्यवस्था में लगा दिया जाता है तो भारत में आने वाले 50 सालों तक कोई टैक्स कि जरूरत नहीं पड़ेगी | भारत से गरीबी एक दिन में मिटाई जा सकती है | भारत का प्रत्येक नागरिक चाहता है कि वो पैसा वापस आना चाहिय फिर सरकार उसको क्यों नहीं ला रही है ? इसका मतलब साफ़ है कि सरकार खुद चोर व भ्रष्ट है |
क्यों भारतवासी कि गाढ़ी कमाई को सरकार रोज रोज डीजल ,पेट्रोल कि कीमते बढाकर लुट रही है |?तर्क यह दिया जाता है तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है |अगर उनको घाटा हो रहा है तो सरकार उस पैसे का उपयोग क्यों नहीं करती ,जो विदेशी बैंको में जमा है और काला धन है |
देश वासियों समय आ गया है |63 सालो में इन्होने बहुत लूट लिया है |अब और नहीं |खुद जाग जाओ नहीं तो वो दिन भी अब दूर नहीं जब आप सभी से आपकी सारी कमाई लुट ली जायेगी |अत : आब इनसे उमीद करना छोड़ दो और इन सभी को अपनी वोट कि ताकत से परास्त कर दो |आपके पास एक मात्र संवैधानिक अधिकार वोट का है | अब व्यवस्था परिवर्तन कि नितांत जरूरत है | क्योकि इनको देखा जा चूका है |
63 सालो में ही जब ये कुछ नहीं कर पाए तो अब क्या करेंगे ? जितना लुटा है उसको वापस लाना है और आगे से न लुटें इसके लिय भी प्रतिबद्ध होना जरुरी है | अगर आज हम नहीं जागे तो भविष्य के जिमेद्दार हम ही होंगे |इनको कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि ये कुछ भी कानून बना सकते है |और आम आदमी को लूट रहे हैं | बहुत से लोग ये सोचते हैं हमें फर्क नहीं पड़ता क्योकि हमें दो वक्त का खाना मिल रहा है ..लेकिन उनसे अनुरोध है कि आप आपनी कमाई का हिसाब लगाइए कि आप कितना कमाते है और कितना सरकार हर कदम पर आप से वसूल करती है | आपकी छोटी सी उदासीनता इस देश को गर्क की और ले जा सकती है और आपके छोटे से प्रयास से खुशहाली कि ओर अब फैसला आपके हाथ है ...अगर आज भी नहीं जागे तो फिर कुछ ही दिनों बाद कीमते फिर बढ़ा दी जायेंगी और वो ही रोना धोना .शुरू हो जाएगा ..कुछ होने वाला नहीं है .|तो देर करना गलत होगा |


तरुण भारतीय द्वारा प्रेषित

मंदिर के तहखाने से निकला एक टन सोना, 50000 करोड़ का खजाना

तिरुवनंतपुरम.केरल में 18 वीं सदी में बने पद्मनाभास्वामी मंदिर के तहखाने के एक कमरे से एक टन सोना निकला है। इसमें हजारों साल पुराने सोने के सिक्के और 9 फुट लंबी सोने की चेन शामिल है। साथ ही बड़ी मात्रा में हीरे जवाहरात भी इसमें पाया गया है।
एक अनुमान के मुताबिक मंदिर के एक ही तहखाने से करीब 50 हजार करोड़ रुपये मूल्य का खजाना मिला है। अभी मंदिर का दूसरा तहखाना खोला जाना बाकी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस दौलत के दम पर पद्मनाभास्वामी मंदिर ट्रस्ट तिरुपति बालाजी ट्रस्ट को दौलत के मामले में पीछे छोड़कर देश का सबसे धनवान ट्रस्ट का खिताब हासिल कर सकता है। 

                                                                     orkut मित्र यश द्वारा प्रेषित 

शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

आखिर क्यों हम सहन करते हैं तिरंगे का अपमान



मित्रो, यह मात्र एक गज कपडे का टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी आन-बान-शान का प्रतीक है। जरा देखिये कैसे इसका अपमान किया जा रहा है। आखिर कैसे मिलेगी इन्हें सजा॥
By... B P S Chandel  09803512991
VISHIST AND JIVAN-DANI SADASHY
BHARAT SWABHIMAN(TRUST)

सभी ब्लोगर भाई बहनों तथा इस सन्देश को पढने वालो को मेरा सादर प्रणाम-- RUBI SINHA

आप सभी के सामने मैं एक विद्यार्थी हूँ. मैं लिखने पढने में निरा बेवकूफ हूँ, पर आप लोंगो के आशीर्वाद से कुछ सीखने की ख्वाहिश मंद हूँ. किसी साझा ब्लॉग का सञ्चालन कैसे होता है मुझे नहीं पता, फिर भी माननीय हरीश सिंह जी के आदेश पर इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया और यह सब आपके भरोसे पर किया है.  मैं आप सभी बड़े लोंगो तथा आर्कुट पर अपने 383 मित्रो से अनुरोध करना चाहूंगी की आप सभी मेरा सहयोग करे ताकि मैं कामयाब हो सकू. एक निवेदन मैं करना चाहूंगी. जिसे आप सब स्वीकार करेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी..
हिंदुस्तान की  अवाज़  ग्रुप मेल पर जो विचार लोंगो के आते हैं, उनमे जो पठनीय होंगे उसे प्रकाशित करने की जिम्मेदारी मेरी होगी, साथ ही मैं एक और अनुरोध करना चाहती हूँ.  आज भ्रष्टाचार देश का एक ज्वलंत मुद्दा बन चूका है. भ्रष्टाचार चाहे एक रूपये का हो या एक करोड़ का, आपराधिक रूप से बराबर है. जहा भी आपको लगता है की भ्रष्टाचार हो रहा है. कुछ भी कारन से समाज का अहित हो रहा है. कोई व्यक्ति चाहे वह मंत्री, अधिकारी, नेता या चपरासी ही क्यों न हो यदि वह समाज विरोधी कार्यो में लिप्त है, चाहे वह कितना प्रभावशाली क्यों न हो, उसके बारे में अवश्य लिख भेजे. जहा भी लगता हो की कुछ गलत है, उसे आप लिख भेजे प्रकाशन की जिम्मेदारी मेरी होगी.
आप किसी के बारे में चाहे वह लेखक हो, पत्रकार हो, ब्लोगर हो, या राजनैतिक सामाजिक धार्मिक किसी भी क्षेत्र से जुदा हो, आप अपनी व्यक्तिगत भड़ास भी निकाल सकते है.
साथ ही साहित्यिक, धार्मिक, कहानी, कविता, गीत या ग़ज़ल भी भेज सकते है.
अब मैं अपने ब्लोगर भाई बहनों से अनुरोध करुँगी की इस साझा ब्लॉग को फालो कर और लेखक बन मेरा उत्साहवर्धन अवश्य करे.
                                   आपकी============== रूबी

हिंदुस्तान की आवाज़ - जिम्मेदारी रूबी सिन्हा को

मित्रो, इस मंच को बनाने का उद्देश्य सिर्फ इतना था की मेल ग्रुप हिंदुस्तान की आवाज़ में कुछ ऐसे मेल आते हैं, जिन्हें संजोकर रखने की आवश्यकता महसूस हुयी, दूसरा कारन यह है की कुछ लेखक बिना किसी बंदिश के कुछ भी लिखना चाहते है उन्हें नियमो व शर्तो से मतलब नहीं है. वही बहुत से ऐसे लोग है जो ब्लोगर नहीं है फिर भी लिखते हैं. ऐसे सभी लोंगो के लिए यह मंच है. जो अपने दिल की बात बेधड़क होकर कह सके. बिना किसी रोक टोक के. 
मेरे पास समय का अभाव है. मैं नहीं चाहता की " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" के लगातार बढ़ते कदम में अन्य कोई ब्लॉग रूकावट पैदा करे. लिहाजा मैं अपना अधिकतर समय सिर्फ और सिर्फ BBLM  को ही देना चाहूँगा. मैंने देखा है की रूबी जी अक्सर प्रचार प्रसार के कार्य में दिलचस्पी लेती हैं. आर्कुट पर उनके करीब 350  मित्र हैं जो उनका सहयोग कर सकते हैं. बातचीत के उपरांत वे जिम्मेदारी लेने को तैयार हुयी. मैं उन्हें संचालक का दायित्व सौंप रहा हूँ. और पूर्ण रूप से विशेषाधिकार दे रहा हूँ. उम्मीद है की आप आपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करेंगी. आपके सुखमय जीवन की शुभकामना. 
                                                                                       हरीश सिंह  

गुरुवार, 30 जून 2011

यह हाथ मुझे दे दे RSS




दोस्तों जब बाबा रामदेव जी ने भ्रष्टाचार और काला धन जैसे मुद्दे को लेकर अनशन शुरू किया तो कांग्रेस ने कहा इसमें RSS का हाथ है। कैसी मजेदार बात है, विषय से भटकाने के लिए ऐसे आरोप मढ़ दिए जाते हैं। पहले हर बात पर सर्कार कहती थी इसमें विदेशी हाथ है। जब सत्ता विदेशियों के इशारे पर चल रही है तो हर मामले चे बाबा हो या अन्ना सबमे RSS का हाथ, तो देखिये blog taknik द्वारा भेजी गयी फोटो और लोंगो के निष्पक्ष विचार। बिना किसी भेदभाव के ..........
कविता पटेल ने कहा ............
इस लेख का सब्जेक्ट "आरएसएस का हाथ" सोचने पर मजबूर करता है की इसका क्या अर्थ निकाले. मुझे लगता है यहाँ पर यह सन्देश देने की कोशिश की जारही है की इस देश में अगर कोई कोंग्रेस पार्टी, भ्रस्टाचार, विदेसी बेंक में जमा कला धन और देश के आम आदमी की समस्याओ के लिए कोई आन्दोलन करे तो यही कहा जाता है की जरुर आरएसएस का हाथ होगा.

बाबा रामदेव के साथ भी यही हुआ इनके आन्दोलन को तोड़ने के लिए ये अफवा फैलाई गयी की इसके पीछे आरएसएस का हाथ है ताकि इस देश के सेकुलर लोग इस आन्दोलन से हट जाएँ इस आन्दोलम में किशी जाती धर्म को भुला कर भारत के नागरिक के रूप में सभी को सामिल किया गया था.

इस चित्र के शीर्षक को समजने में लोग भूल कर सकते है. इस में दिखाया गया है की भारत देश का एक बच्चा जिसके पास सरीर पर पहनने के लिए पुरे कपडे भी नहीं है. तो उसके घर में बाथरूम भी कहाँ होगा तो इस स्थिति में वो कही जाकर अपनी प्राकृतिक कार्य को करे तो भी लोग यही कहेंगे की जरुर आरएसएस का हाथ होगा.
मुझे यह लेख देश की वास्तविक स्थिति को दर्शाता दिखता है की आज भी भारत को आज़ाद हुए ६४ साल हो गए पर आज भी हमारे देश की स्थिति क्या है ?????? सोचो ......... और हमारे नेता इस देश का धन विदेशी बेंक में

निर्मला कपिला जी ने कहा.....
तो ये है आर एस एस के संस्कार ! शर्मनाक। भर्तस्ना योग्य।

योगेश कुमार जैन ने कहा ........
Dear friends,
The fobia of Italian Mem's corrupt and traitor Congress from RSS only gives a message that RSS people are honest and patriots.
So, what's wrong with this? It only means that the people who side with Congress on this attitude and simultaneously hate RSS are either bloody fools or are corrupt and traitors?
Jai Bharat.
Yogesh Kumar Jain,

निर्मला कपिला ने कहा..........
betukee baato me bahas kyoM/ jab bee je pee aayee thee to kyoM nahee sudhaar huyaa raMge haathoM usake netaa ko paise lete huye dikhaayaa gayaa tab kyaa kiyaa sarakaar ne? खाली बातों की राजनिती से कुछ नही होगा नाही आरोप प्रत्यारोप से। एक बात निश्चित है जितने लोगों को कान्ग्रेस ने जेल मे डाला उतना पहले कभी नही हुया हम लोग भी भ्रष्ट हैं केवल जुबान लडाते हैं बस । करोडों के बाबा केवल अपने उत्पाद बेचने की राजनिती कर रहे हैं मै खानदानी हिकमत के पेशे वाले घर मे जन्म लिया और जानती हूँ देशी दवायें कितनी सस्ती होती हैं बाबा जिसे 50 रुपये मे बेचते हैं उसकी कीमत 5 रुपये से भी कम होती हैं जब यहीं पर इतना स्वार्थ है तो वो देश को क्या देंगे ? केवल बातों की भभूत या फिर आतंकवाद। कभी बाबा की बहुत बडी भक्त थी योगा सीख कर योगा की कलासें मुफ्त लगाते थे बाबा ने चार शब्द ग्रंथों मे पढ लिये उन्हें ही बेचने लगे? क्या कहें ऐसे लालची संतों पर। तस्वीर तो वहाँ इनकी होनी चाहिये जो संत के वेश मे ठगी करते हैं सोने चाँदी के व्यापार करते हैं कितने बाबाओं की पोल खुल चुकी है? अब रामदेव बाबा भी बाहर केवल अपनी साख बचाने को बोल रहे हैं लेकिन अन्दर ही अन्दर भ्रष्ट नेताओं से बचने की कवायतें भी चल रही हैं। आने वाले दिनों मे सब सच सामने आ जायेगा। मै नही कहती कि काँग्रेसमे सब लोग ईमानदार है लेकिन कोई विकल्प भी तो नही। आप जितना मर्जी हो हल्ला मचा लें सरकार बचे या न लेकिन सच सच ही रहेगा। अपना तज़ुर्बा यही कहता है।

योगेश जी जितना भी जहर उगल लो, सच नही बदलेगा हम अब किसी नेपाली की सत्ता भी तो स्वीकार नही कर सकते। मेरे साथ बात करके अपना वक्त जाया न करें। मै केवल अपने तज़ुर्बे से बात करती हूँ अन्धी आस्था मे नही। ये आपस एकिसने कह दिया कि मै काँग्रेस के साथ हूँ। मै उस व्यक्ति के साथ हूँ जो देश को सही मार्ग दर्शन दे मै बाजपई जी के समय मे उनके साथ थी लेकिन वहाँ भी वही ढाक के तीन पात थे अभी किसी के साथ नही जब समय आयेगा तो जो मन को अच्छा लगेगा वही करूँगी। आपके तज़ुर्बे पर क्यों जाऊँ? मगर आपका गन्दा बेहूदा प्रचार देख कर मन क्षोभ से भर उठता है इस लिये मनमोहन अच्छे लगते हैं कि कम से कम संस्कार तो बचे हैं किसी को अनाप शनाप बोल कर अपनी जुबान गन्दी नही करते। अगर किसी पार्टी का कोई व्यक्ति अच्छा है तो उसके लिये बात करना क्यों बुरा है? सोनिया की बात करें तो उसने शादी के बाद जिस तरह से भारतीय नारी के संस्कारों को अपनाया उसकी मिसाल आपको कहीं नही मिलेगी बस एक विचारधारा से जुड कर मै किसी व्यक्ति को नही देखती न ही देखूँगी। आप जबरदस्ती क्यों अपनी बात मनवाना चाहते है?

फिर बोले योगेश जैन ...........
Adarniya Nirmalaji,
I am not forcing my views on anybody; but if expressing my views is seen by you as that, so be it - it is like the "secularism" followed by the traitor Congress Party. One thing is very clear to me (and will be shared by the patriots of this nation) - a "BHAKT" of the most hypocritic, dishonest and corrupt Italian Mem cannot be termed as an honest or good man. If you have decided to judge people by their dress and hypocritic speech and mannerism, I can only wish that you remain protected from demonic actions of evil people.
Jai Bharat.
Yogesh Kumar Jain,


P B S चंदेल ने कहा......
ॐ,
आदेर्नीया जी,
आप ने शायद नेह्रुबियन-गाँधी इतिहास पड़ा होगा,अगेर नहीं तो कृपया अबलोकन करने का कास्ट करे,जिसमे क्या-क्या हुआ,और जनता को आज तक नहीं बताया गया,उस से आप को सब कुछ जो कांग्रेस ने देश के प्रति अंग्रेजो से सत्ता को "ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर अग्रीमेंट "द्वारा लिय गया ,एबम आज़ादी के ६४ साल बाद आज भी राष्ट्रीय गान में भारतीय जनता को अंग्रेजो की प्रशंशा /आब भगत के रूप में गबया जा रहा है,क्या हम अभी तक अंग्रेजो के गुलाम है ? ,ऐसा क्यों भारत की जनता कांग्रेस नेतायो से पूछना चाहती है ,इसकाएस्पस्तीकरण आदेर्नीय गीत लेखक ने बहुत पहले दे दिया था की किस तरह अंग्रेजो के दबाब में उनोने यह गीत लिखा ,इस तथ्य को जानते हुए भी नेहरु जी ने इस गान को वन्देमातरम को सम्प्रदायक कहकर जन-मन-गान .................को रास्ट्र गीत स्वीकार कर हम आज भी आज़ादी की झूठी दुहाई देते हुए अंग्रेजो के प्रशंशा गीत भारतीय जनता से गाबये जा रहे है ,आप से बड़ी बिनाम्रता पुर्बक निबेदन कर जन ना चाहता हू की ये सब के साथ देश का करोरो रूपया भ्रस्ताचार कर,लूट करबिदेशो में कैसे,और किस२ का जमा है,क्यों नहीं बताती,और क्यों नहीं / बापस देश में लाकर देश में ब्याप्त गरीबी/भूख/ भयदरिद्रता को दूर करती,और जो इसके खिलाफ आबाज उठता उसको बेर्बेर्तापुर्बक कुचल दिया जाता,चाहे बाबा राम देव जी हो या अन्ना जी ,ये क्या हो रहा है ,क्या जनता ने यह सब करने को वोट दिया था की सत्ता के मद में जो इच्छा हो बोह करो |
आब रही स्वामी राम देव जी बात,आदेर्नीय जी आप एक बार पतंजलि योग पीठ जाकर अबलोकन केरे,क्या-क्या देश हित में निस्वार्थ भाव से जन स्वस्थ्य एबम अध्यात्मिक शुचिता /उन्नति के कार्यक्रम चलाये जा रहे है ,और कितना बाबा जी कमाई कर रहे है ,पता चल जायेगा ,सिर्फ सुनी हुई बातो पर कुछ कमेन्ट करना मै समझता हूँ ठीक नहीं है,माना कुछ बाबायो में भी लूट-खसोट होगी ,हो सकता ,किन्तु याद करने की बात है ,की हमारे देश में जब२ अनीतिया/भ्रस्ताचार की आदिकता से जनता में त्राहि- त्राहि मची है देश के ऋषि/ मुनि/संत (बशिष्ठ /द्रोणाचार्य //चाणक्य) आदि सामने आये ,और सब को मुक्ति का मार्ग प्रदान किया |
मैडम जी आज कल ५/= में दबी तो क्या भारतीय रेलवेज एक कप चाय दे रही है,तो यह कहना की ५/= की दबा ५०/= में बेचीं जा रही है,बिना प्रोसेसिंग प्लांट देखे ऐसे आरोप लगाना निराधार होगा ,
आदेर्नीय जी मै किसी पार्टी का आदमी नहिहूँ,छोटी-मोती देश सेवा में लगा रहता हूँ,अगेर लिखने में हम से भूल बस कोई गलती हो गई हो तो हम माफ़ी मागते है ,लेकिन इतना तो हमरा भारतीय नागरिक होने के नाते सच्चाई को देश के सामने प्रस्तुत करने का अधिकार तो है ,बही किया गया है|
वन्देमातरम,
जय हिंद,
- उद्धृत पाठ दिखाएं -
--
B P S Chandel 09803512991
VISHIST AND JIVAN-DANI SADASHY
BHARAT SWABHIMAN(TRUST)

T.K. मारवाह भी बोले .......
जब आप भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़े हैं तो जाहिर हें आप बाबा के ही गुण गायेंगे और वही आपने इस लेख मैं किया भी हें ,हम इश्वर से प्रार्थना करते हैं की बाबा के हाथ मैं ही पूरा देश सोंप दिया जाये और बाबा योग द्वारा ही इस देश को चालयें
और आप सब उनका हाथ बत्तायें


शंकर दत्त फुलारा ..........
दोस्तो ! सौ बात की एक बात मैंने छह महीने पहले कह दी थी , कि बाबा रामदेव को और उनके आन्दोलन को ; ऋषियों के वंशज समझ रहे हैं, असुरों के वंशज भड़क रहे हैं |
किसी को बाबा रामदेव जी व्यापारी दीखते हैं; लेकिन ये नहीं दीखता कि अगर विदेशी कम्पनियों का विरोध करना है तो स्वदेशी उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पाद उपलब्ध कराना बहुत बड़ी देश सेवा है | उन कमजोर दृष्टि वालों को यह नहीं दीखता कि विदेशी कम्पनियां कितना इस देश को और लोगों को लूट रहीं हैं | जिस एलोवेरा(घृतकुमारी) जूस को लोग "विदेशी कम्पनियों का बारह सौ रूपये"में खरीद कर लुट रहे थे उसे कौन सी स्वदेशी कम्पनियां एक सौ अस्सी या दो सौ रूपये किलो में उपलब्ध करा रहीं थी ? केवल स्वामी रामदेव जी ने वह उपलब्ध करवाया; या कोई भी आयुर्वेदिक दवा दूसरी स्वदेशी कम्पनियों की कम असर कर रही हैं और स्वामी जी दवा अच्छा असर कर रहीं हैं, उस पर आप उन्हें व्यापारी कहें ये केवल एक तरफ़ा बात हुयी जो किसी सोचने समझने वाले को शोभा नहीं देती | जो भी अपने को देशभक्त कहता है और उसमे स्वदेशी के प्रति जागरूकता न हो तो उसके इस तरह के आरोप छिछोरापन ही लगेंगे | और जल्द ही उनका मुहं बंद होने का समय आने वाला है जब देश में गाँव-गाँव में वही उत्पाद बनने शुरू हो जायेंगे जिन्हें रामदेव जी का व्यापार कहा जा रहा है |
बाकि रही साधू न मानने वाली बात, तो जिसने केवल चिलमची साधू ही देखे हों वो ज्ञान की बातो को क्या जाने वरना इस तरह की बात न बोले आज इस देश के जितने भी वास्तविक साधू हैं वो सभी स्वामी रामदेव जी के साथ हैं बाकि जो खीर खाऊ या दम लगाऊ साधू हैं वही इक्का दुक्का विरोध में हैं | जिनके रक्त में शुद्धता नहीं रही वही अब इस आन्दोलन या बाबा रामदेव के विरोध में होगा जैसे अंग्रेजों की गुलामी के समय में होता था कुछ गद्दार या नासमझ लोग क्रांतिकारियों की हंसी उड़ाते थे या उन्हें बुरा भला कहते थे | अब हम देख रहे हैं कि केवल आर एस एस ही नहीं मुस्लिम धार्मिक नेता, कम्युनिष्ट,और कुछ तो अच्छे कोंग्रसी जो वास्तव में ऋषियों के वंशज हैं मतलब जो इस देश और इसकी संस्कृति से प्यार करते हैं वो सब इस आन्दोलन से प्रेरित हो गए हैं | स्वामी रामदेव केवल भारत के ही नहीं पूरे विश्व के आध्यात्मिक और राजनीतिक बदलाव लाने वाले नेता बनने वाले हैं | जो उन्हें नहीं समझ पा रहे हो कृपया अपनी नासमझी को उद्धृत ना करो तो अच्छा है क्योंकि फिर तुम्हें कुछ कडवी बातें सुननी पड़ी तो सहन नहीं होगा और फिर अपने मुहं से कुछ गलत कह कर पाप के भागी बनोगे , इसलिए अच्छा है चमकते सूर्य को झुटलाने से तो अच्छा है कि अँधा होने का ड्रामा करो कोई कुछ नहीं कहेगा |

PBS chandel उवाच.......
ॐ,
श्रीमान जी ,
भारत स्वाभिमान सिर्फ बाबा जी का , ही नहीं ,उन १२० करोड़ स्वाभिमानी भारतीयों का है ,जो भारत में बर्तमान ब्याप्त बिक्रतियो एबम उनमे संलग्न कुकेर्मियो /अन्नइयो/भ्रस्ताचारियो ,जो किसानो/मजदूरो/करिगेरो /ब्य्बसइयो की गाड़ी कमाई का धन लूट कर बहार जमा कर तथा देश में ऐश कर रहे है ,समाप्त कर राम राज्य लाने के लिए संघेर्ष करने बाले जीबन दानी भारत-माता के वीर पुत्र है ,जो किसी भी कीमत पर चुप ना राह कर अशुरो के अंत के बाद ही शांत होगे |
रही बाबा राम देव जी की बात ,बोह तोएक योग ऋषि ,देव दूत मानिंद है,उस देव दूत को सांसारिक प्रलोभनों से क्या लेना देना,किन्तु गुरु बशिष्ठ /चाणक्य का काम देश हित में तो कर ही सकते है,आप को बिस्वास ना हो पतंजलि योग पीठ हरिद्वार जाकर अबलोकन कर ने का कास्ट करे और अनुभब करे की इस लगोटी बाले फकीर की नियत क्या है ,जो महल होते हुए भी झोपड़ी में बिना गद्दे की जमीन पर सोता है |
वन्देमातरम ,
जय हिंद

अब भला रविन्द्र कुमार जायसवाल जी कैसे चुप रहते............

ओ३म निर्मला जी ,
एक एक कर के आप की बात का निष्पक्ष हो कर जवाब दूंगा .
आप ने कहा "हम अब किसी नेपाली की सत्ता भी तो स्वीकार नही कर सकते। "
उत्तर : जब इटली की स्वीकार कर सकते हो तो नेपाल की क्यों नहीं . इस के आलावा सोनिया ने तो लुटा ही है , नेपाली तो फिर भी आयुर्वेद का प्रचार में लगा हुआ है . कृपया बताये की सोनिया ने देश को क्या दिया है जिसको हम याद रख सके

आप ने कहा "
मै उस व्यक्ति के साथ हूँ जो देश को सही मार्ग दर्शन दे"
उत्तर : आप की बात से पूरी तरह सहमत होते हुए ये पूछना चाहता हूँ की वो व्यक्ति कोन है ताकि हम सब भी आपके साथ उसका समर्थन कर सके , में सभी ग्रुप मेम्बेर्स की तरफ से आप से वादा करता हूँ की सभी आइसे निष्कलंक और काबिल व्यक्ति का समर्थन करेंगे

आप ने कहा "इस लिये मनमोहन अच्छे लगते हैं कि कम से कम संस्कार तो बचे हैं"
उत्तर :कृपया इस संस्कारी प्रधानमंत्री का कारनामा तो देखे जिन्होंने देश का आब तक का सबसे बड़ा घोटाला किया है , २G और CWG से भी बड़ा http://www.chauthiduniya.com/2011/04/biggest-scam-of-india.html
अब उनके इन संस्कारो को ओढ़े , बीछाये या चाटे. कृपया जवाब अवश्य दे

आप ने कहा
"सोनिया की बात करें तो उसने शादी के बाद जिस तरह से भारतीय नारी के संस्कारों को अपनाया उसकी मिसाल आपको कहीं नही मिलेगी"
उत्तर :वो एसी संस्कारी महिला है तो पिछले 3 सालो में सरकारी खर्च पर 1850 करोड़ रुपया केवल निजी विदेशी यात्राओं में क्यों खर्च कर दिया जो की गरीबो का पैसा था .
लगता है सोनिया जी के बारे में आप का ज्ञान बहुत थोडा है इस किये आप भावनाओ में बहे जा रही हैं . Please see these below youtube links

WHY SONIA GANDHI DECLINE POSITION OF PM

www.youtube.com/watch?v=nolOfZsLZiE

mr vishwabandhu gupta exposing bitter truth about sonia

www.youtube.com/watch?v=3-ptfDan950

सोनिया गाँधी को आप कितना जानते हैं ? (भाग-1)


http://www.indiaagainstcorruption.info/2011/02/sonia1/

सोनिया गाँधी को आप कितना जानते हैं ? (भाग-2)


http://www.indiaagainstcorruption.info/2011/02/sonia2/

सोनिया गाँधी को आप कितना जानते हैं ? (भाग-3)


http://www.indiaagainstcorruption.info/2011/02/sonia3/


निर्मला जी, आशा है आप ये सभी लिंक पढने के बाद मुझे मेल करके जवाब आवश्य देंगी , ताकि में अगर कही गलत होऊ तो आपनी समझ को ठीक कर सकू





Jai Bharat
Ravinder Kumar Jayalwal
Pune
Mob : 09028481706
Blog : www.SocialServiceFromHome.com

आशुतोष ............
रविन्द्र जयसवाल जी..
आप की बातो से सहमत..बाबा के विरोध करने वाले पहले एक ऐसा व्यक्तित्व बताएं जिनका हम समर्थन कर सके..
क्या वो सोनिया कलमाड़ी जूदेव और राजा में वो व्यक्तित्व देखते हैं??
प्रकिर्ती आरोग्य केंद्र ने कहा..........
भाइयों और बहनों, ॐ,

भारत स्वाभिमान १२० करोड़ का नहीं, ११८ करोड़ स्वाभिमानियों का हे है. २ करोड़ लोग या तो इटालियन माफिया के हाथों बिके हैं, या लालची तथा अवसरवादी हैं जो भ्रष्ट व्यवस्थाओं से लाभान्वित होनेवाले लोग हैं. वे कभी भी व्यवस्था परिवर्तन की बात से सहमत नहीं होंगे.

मैं अपनी आदरणीय बहन निर्मला जी से दो प्रश्न करना चाहूंगा:

१. वह कौन सी दवा हैं जो बनाने में ५ रुपये लगता है और पतंजलि ५० में बेच रहा है.

२. ऐसा क्या सोनिया माता ने कर दिखाया तो भारतीय नारी के तौर पर आदर्शवादी बन गईं? क्या अपने पति (राजीव गाँधी) के हत्यारों को माफ़ी देना, या अपने बेटों बेटियों को इसाई बनाना, उनके असली नाम देश से छुपाना, विदेश की जासूसी संस्थाओं (KGB) से पैसे के लेन देन में शामिल होने का आरोप , बिना देश की नागरिकता लिए देश के मतदाता सूची में नाम लिखवाना, सास पर संकट आने पर (१९७७ में) इटली के दूतावास में बच्चों सहित छिप जाना, बीमा कंपनी का agent बनकर प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को दबाव डालकर बीमा बेचने का आरोप, परिवार के कई लोगों और देश ही नहीं उनकी पार्टी के कई नेताओं की संदिग्ध हालत में मृत्यु का आरोप, देश में कठपुतली प्रधानमंत्री बनाना, सरकार द्वारा जनता की कमाई को खुलेआम लूटना और लूट की छूट देने का आरोप , देश की माताओं बहनों को रात में घसीट घसीट कर उनके स्तनों और पुरूषों के गुप्तांगों पर जान बूझ कर लाठी से प्रहार करने का आदेश, उनके कपडे फाड़ डालना, देश की नारी को शोभायमान करनेवाली बातें हैं?
दूसरी बात, शंकर दत्त फुलेरा जी ने बड़े ही सटीक ढंग से सच्चाई को व्यक्त किया है. उनके वाक्यों
"खीर खाऊ या दम लगाऊ साधू" में मैं "पाँव पूजवाऊ" भी जोड़ना चाहता हूँ. और ये भ्रष्ट लोग उन्ही साधुओं को आगे खड़ा करके देश के लोगों को दिग्भ्रमित करने का प्रयत्न कर रहे हैं.

कई लोग साधुओं पर उल्टा सीधा आक्षेप लगाने से पहले सच्चाई जानने का प्रयास नहीं करते हैं. सौ में से एक या दो साधू खराब होने से सारा संत और साधू समाज खराब नहीं हो जाता. आज भी काफी अंगरेजी पढ़े लिखे, अमीर और तथाकथित "आधुनिक" समाज के लोग, खासकर युवा, सत्य का ज्ञान होने पर सब कुछ छोड़कर संत और साधू बन गए हैं. स्वामीजी से जुड़े हुए ऐसे कई संत लोग हैं.
PBS चंदेल ने कहा........
ॐ ,
आप द्वारा निर्मला जी को दिए गए जबाब बड़े सटीक एबम लाजबाब है,हमें बड़ी प्रशन्नता होती है ,की जब सिरफिरों को उचित जबाब मिलजाता है,ऐसे जबाबो की आगे भी प्रतीक्षाकरुगा,मैंने भी कुछ जबाब दिए है,शायद आप ने पड़ा हो,जबाब आने से प्रेषित करूँगा |
जय हिंद|
ॐ,
भाइयो/बहनों ,
मैंने १२० करोड़ इस लिए कहा की कुछ दिग्ब्रमित चापलूस चम् चे आज नहीं तो कुछ दिनों बाद बस्ताबिकता को समझ कर हम सब के आना पड़ेगा ,आखिर कब तक मानियो को झेलेगे,आखिर है तो भारतीय माना की अंग्रेजो के दत्तक पुत्र है,फिर भी कभी ना कभी अकाल आएगी ,और हमें साथ रखना पड़ेगा,इटली तो जायेगे नहीं |धन्यबाद ,
वन्देमातरम .,
जय हिंद |
नोट -- फोटो और विचार hindusthankiaawaz@googlegroups.com से प्राप्त मेल की जागीर हैइस श्रृंखला में यदि और विचार मिलेंगे तो उन्हें भी जोड़ा जायेगा........

जरा इधर भी हो नजरे इनायत






शिखा कौशिक के ब्लॉग विचार

आज सम्पूर्ण विश्व कंप्यूटरमय होने की दिशा में  प्रयासरत है . बैंकिंग क्षेत्र, तकनीकी संस्थान और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान कंप्यूटर के मशीनी दिमाग़ से लाभ उठा रहे हैं ; वहीं लाइफ़  लाइन बने इंटरनेट ने दुनिया भर के कम्प्यूटर्स को जोड़कर सम्पूर्ण विश्व को ग्लोबल फ़ैमिली में बदल दिया है . इसी क्रम में 'वर्ड प्रेस' व 'ब्लॉगर' आदि ने इंटरनेट यूज़र्स को जो सुविधाएंदी हैं उन से लाभ उठाते हुए  आज अंग्रेज़ी  व हिंदी सहित अनेक भाषाओं  में करोड़ों ब्लॉग स्थापित किये जा चुके हैं . ये ब्लॉग साहित्य; तकनीक; कला; राजनीति आदि अनेक क्षेत्रों से सम्बंधित सामग्री उपलब्ध कराते  हैं .
'ब्लॉग' को हिंदी भाषी लोग 'चिट्ठा' भी कहते हैं. सरल शब्दों में यह चिट्ठाकार की निजी डायरी का ही ऑनलाइन  रूप है . चिट्ठाकारी ने जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को यह सुअवसर प्रदान किया है कि वह अपनी रचनाओं को स्वयं प्रकाशित कर पाठकों से उनकी प्रतिक्रियाएं तुरंत प्राप्त कर सकें वहीं दूसरी ओर प्रकाशकों की मनमानी को भी ठेंगा दिखा दिया है .आज हर ब्लॉगर स्वयं ही लेखक है और स्वयं ही प्रकाशक भी .ये है ब्लॉगिंग के सिक्के का एक पहलू . अब ज़रा दूसरे पहलू पर भी विचार करते हैं .  इसके नकारात्मक प्रभाव भी हमारी नज़र के सामने रहने चाहिएं .
क्या हैं ये नकारात्मक प्रभाव ?
इन पर निम्न बिन्दुओं के अंतर्गत विचार किया जा सकता है -

(1) स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव - सबसे पहले ब्लॉगिंग के उन प्रभावों पर विचार करें जो कि स्वास्थ्य पर पड़ते हैं  तो यह तथ्य प्रकट होता है कि ब्लॉगर को ब्लॉगिंग का नशा इस तरह अपनी गिरफ़्त में ले लेता है कि वह अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय पी.सी., लैपटौप और मोबाईल पर ख़र्च करने लगता है .ब्लॉगिंग न कर पाए तो वह थकान  महसूस करता है , अनमना सा और चिड़चिड़ा भी हो जाता है . ज़्यादा ब्लॉगिंग करने के कारण उसे  पीठ दर्द, सिरदर्द और थकान जैसी अनेक शारीरिक समस्याएं परेशान करने लगती हैं . ब्लॉगिंग न करने पर आदमी में बेचैनी व  तनाव बढ़ता है, यहाँ तक कि दिमाग़ी गतिविधियों  और ब्लड प्रेशर तक में परिवर्तन होता देखा गया है . ब्लॉगिंग के चक्कर में व्यक्ति खाने व  सोने जैसे अनिवार्य  कामों की  उपेक्षा करता है . जिसका अंजाम  ख़राब स्वास्थ्य के रूप में उसे भुगतना पड़ता है .

(2) परिवार की अनदेखी -   ब्लॉगिंग करने वाला व्यक्ति परिवार की अनदेखी भी करने लगता है .वह अपना ख़ाली समय बच्चों, पत्नी व अन्य परिजनों  के साथ बिताने में ख़र्च  न करके ब्लॉग-पोस्ट लिखने में लगा देता है .जाहिर है कि इससे परिवार के लोगों के आपसी संबंधों में खिचाव आने लगता है .

(3) आउटडोर  गतिविधियों की अनदेखी - ब्लॉगिंग के आदी लोग ब्लॉग-जगत की दुनिया में इतना मग्न हो जाते हैं कि जरूरी काम निपटाकर तुरंत कंप्यूटर पर ब्लॉग गतिविधियों में रम जाते है .इसके चक्कर में वे अपने आस-पास के लोगों से कट जाते हैं और बाहरी गतिविधियों में रुचि लेना बंद कर देते हैं .एक ओर ब्लॉगिंग जहाँ संसार भर के लोगों के बीच दूरियां काम कर रही है वहीं आदमी को उसके सामाजिक दायरे से काट कर एकाकी और तन्हा भी बना रही है -
फ़ासलों की दुनिया में दूरियां नहीं बाक़ी
आदमी जहां भी है दायरों में है
(4) फ़र्ज़ी और काल्पनिक प्रोफ़ाइल  वाले  ब्लॉग भी ढेरों हैं ब्लॉग-जगत में. जिनसे हर पल यह भय बना रहता है कि आपकी रचनाओं की कॉपी कर कोई अन्य इनके लेखन का श्रेय न ले उड़े .कई बार असली परिचय छिपाकर कुछ ब्लौगर अपनी धार्मिक , राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए नफरत फैलाने वाले लेख भी लिखते हैं, जिनसे वे तनाव पैदा करने का कुत्सित प्रयास भी करते हैं .

(5) वर्चस्व की लड़ाई से ब्लॉग जगत भी अछूता नहीं है .कुछ ब्लॉगर  धन-बल से समस्त ब्लॉग जगत को अपनी निजी  संपत्ति  बनाने में लगे रहते हैं .वे एक पसंदीदा ब्लॉगर-समूह बना लेते हैं और फिर उन्हें सम्मानित करने के लिए भव्य आयोजन करते हैं . सम्पूर्ण ब्लॉग जगत में वे इसका प्रचार प्रसार भी करते हैं .  स्वयं द्वारा सम्मानित ब्लोगर्स को अन्य ब्लोगर्स कि तुलना में श्रेष्ठ घोषित कर देते हैं, जिससे अच्छा लेखन करने वाले ब्लोगर्स हतोत्साहित होते हैं .

(6) महिला ब्लॉगर्स और भी अधिक सजग रहकर ब्लॉग पोस्ट डालनी होती है .कई बार महिला ब्लोगर्स को ज्वलंत मुद्दे उठाने के लिए वास्तविक पहचान छिपाकर ब्लोगिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है .यहाँ एक महिला ब्लोगर द्वारा अपने प्रोफ़ाइल में उद्धृत ये पंक्तियाँ उल्लेखनीय हैं -
'मैं द्रौपदी हूँ और चीर-हरण से डरती हूँ .'

                             ब्लॉगिंग  के नकारात्मक प्रभावों से डरकर ब्लोगिंग छोड़ देना तो उचित नहीं है और न ही संभव है . ज़रुरत है संयमित ,सजग  व  सटीक ब्लॉगिंग की .वास्तव में यह आज के हरेक रचनाशील व्यक्ति के लिए एक वरदान है . आज ब्लॉगिंग ने हमें यह सुअवसर दिया  है कि हम अपने निजी अनुभवों , स्थानीय और  राष्ट्रीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर निर्भीक होकर विचार प्रस्तुत कर सकें . जहाँ तक मैंने महसूस किया है, महिला ब्लॉगर्स  को प्रोत्साहित ही किया जाता है और यदि कोई अभद्र  टिप्पणियों के द्वारा उन्हें परेशान करता है, तब  मॉडरेशन लागू करने की सुविधा भी मौजूद है. इसके ज़रिये  टिप्पणियों का निरिक्षण  पहले ब्लॉगर स्वयं करता है . बेहूदा  टिप्पणियों को हटाया जा सकता है.
            हरेक ब्लॉगर को यह भी ध्यान रखना चाहिये कि वह ब्लॉगिंग के चक्कर में न तो अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करे और न ही परिवार की ज़रूरतों को नज़र अंदाज़ करे . समय-सीमा का ध्यान रखते हुए ब्लॉगिंग का शौक़ पूरा करें.
                   जो ब्लॉग  धार्मिक कट्टरता, राजनैतिक विद्वेष और अशालीन सामग्री से युक्त हैं, उन्हें  उपेक्षित कर देना ही मुनासिब हैं. ऐसा करके हम सभी ब्लॉग जगत की गरिमा बनाये रखने में अपना  योगदान दे सकते हैं . आने वाले समय में ब्लॉगिंग  का भविष्य सुनहरा है क्योंकि ब्लॉगर दिल से लिखता है दबाव में नहीं .
                                    जय हिंद 
                                - शिखा कौशिक
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