जब आंतरिक मामले हों कमजोर
और हास्यास्पद हो विदेश नीति
अनुशाशन शुचिता क़ानून प्रबंधन
शून्य हों राजनैतिक इच्छाशक्ति
भ्रष्टाचार के नशे में धुत गाड़ीवान
जब हम बैलों के ऊपर बोझ लादे
जबरन पिलाए रोज दूषित पानी
और शाम बारूद के उपर खूंटे बांधे
इसे आजादी का चरमोत्कर्ष कहिये
विशाल लोकतंत्र भारत वर्ष कहिये !!
- सुलभ
http://sulabhpatra.blogspot.com/
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Sulabh Jaiswal
Skype: IT.EXPERT
3 टिप्पणियां:
इसे आजादी का चरमोत्कर्ष कहिये
विशाल लोकतंत्र भारत वर्ष कहिये !!
sahi kaha hai aapne.sateek prastuti .
अापकी प्रस्तुति क्या खूब है
ऐसे ही लिखती रहिए
सुरिन्दर सामाजिक कार्यकरता दिल्ली से
क्षमा का याचक हू
समयाभाव के कारण
अभी नहीं लिख पा रहा
मगर कहना चाहता हू कि
अापका यह प्रयास बहुत खूब है,
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