दोस्तों अब ये झंडा झुका दो
ये जो होता है सोचा नहीं था
पेट बच्चों का भरने की खातिर
अजब बहशी हवा बह रही है
गरीबों की बेटियाँ जल रही है
दोषियों को कोई तो सजा दो
याद रखो इंसानियत को
न कुर्बानियों का ऐसा सिला दो
दोस्तों अब ये झंडा झुका दो.............
Kedar nath”kadar”
नाकाबंदी कर दी गयी है
शक की सुई फलां पर है
हमारी तफ्तीश तेज़ी से जारी है
जल्द ही आपको ताज़ा खबर देंगे
इन बिके हुए देशद्रोहियों का
ये मुखौटा हम रोज देखते हैं
हर खबरिया न्यूज़ चेनल पर
हर एक ताल ठोंक कर कहता है
सबसे पहले हमने खबर दी
टी.आर.पी. जो बढ़ानी है उन्हें
सालो ! कभी घटना से पहले भी
कभी भौंको , जगाओ लोगों को
रोको इन मौतों को तुम मिलकर
बनो एक आम आदमी सड़क का
उठो राजनीती से कभी ऊपर, सोचो
कल तुम भी पड़े हो सकते हो
किसी बम्ब धमाके की जगह पर
अपनी बीबी या बच्चे की लाश
अपनी बाँहों में लिए रोते हुए
केदारनाथ "कादर"
ये जो होता है सोचा नहीं था
ये बुरा खवाब अपना नहीं था
आदमी कैसे-कैसे बिक रहा है?
हमको अब कोई तो जवाब दो
दोस्तों अब ये झंडा झुका दो...........पेट बच्चों का भरने की खातिर
एक माँ ने अपनी अस्मत लुटाई है
हर एक खतरे की जद में
चाहे बहना हो या चाहे भाई
अरे कोई तो इनको बचा लो
दोस्तों अब ये झंडा झुका दो............
जान अपनी बचाने की खातिर
मियाँ ने बीबी किराये चढ़ाई
एक ग़रीब बेटे ने खुद ही
चाह में मुफ्त कफ़न की
बाप की लाश लावारिस बताई
दोस्तों अब ये झंडा झुका दो...........अजब बहशी हवा बह रही है
गरीबों की बेटियाँ जल रही है
बिन ब्याहे ही कोखों में देखो
कितनी औलादें पल रही हैं दोषियों को कोई तो सजा दो
दोस्तों अब ये झंडा झुका दो...........
हर जगह है खून खच्चर
कहीं धमाके कहीं दुर्व्यवस्था
आदमी जानवर हो चला हैयाद रखो इंसानियत को
न कुर्बानियों का ऐसा सिला दो
दोस्तों अब ये झंडा झुका दो.............
Kedar nath”kadar”
नाकाबंदी कर दी गयी है
शक की सुई फलां पर है
हमारी तफ्तीश तेज़ी से जारी है
जल्द ही आपको ताज़ा खबर देंगे
इन बिके हुए देशद्रोहियों का
ये मुखौटा हम रोज देखते हैं
हर खबरिया न्यूज़ चेनल पर
हर एक ताल ठोंक कर कहता है
सबसे पहले हमने खबर दी
टी.आर.पी. जो बढ़ानी है उन्हें
सालो ! कभी घटना से पहले भी
कभी भौंको , जगाओ लोगों को
रोको इन मौतों को तुम मिलकर
बनो एक आम आदमी सड़क का
उठो राजनीती से कभी ऊपर, सोचो
कल तुम भी पड़े हो सकते हो
किसी बम्ब धमाके की जगह पर
अपनी बीबी या बच्चे की लाश
अपनी बाँहों में लिए रोते हुए
केदारनाथ "कादर"
5 टिप्पणियां:
अच्छा कटाक्ष.....
bari niderta se aam janta ke aakorsh ko sahi sahbdo mein vyakt kiya....
bahut khoob
very shameful,by thus abusing political class you are weakening the democracy.Yes vote out corrupt,ctriminal and useless politicians while voting,but this trend particulalrly in media is unacceptable
शायद बहुत कुछ मर रहा है ||
शोक तो मानना ही पड़ेगा ||
हाँ अब तो हमें शर्म करना पडेगा --राजनेताओं के बदले bhi हमें ही ||
वे तो बेशर्म हो चुके हैं ||
राज -- उत्तर को
सी एम् एन सी पि को
दिग्विजय उनको वे इनको ||
zordaar...
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/
एक टिप्पणी भेजें