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रविवार, 17 जुलाई 2011

सवाल-जवाब प्रतियोगिता भाग दो-- कसाब आतंकी या मेहमान

 कसाब आतंकी या भारतीय मेहमान

मुंबई बोम ब्लास्ट, क्या यह भारतीय ख़ुफ़िया विभाग की चूकहै,  क्या यह "ISI" पाकिस्तान की साजिश है??  या यह भ्रष्ट भारतीय राजनीती  या जन सेवको  (Civil Servants) की लापरवाही है.  
आइये  जानते है इस पर हमारे संस्थापक हरीश सिंहजी की क्या राय है.?

यह प्रश्न सभी भारतवासियों के दिल में खटक रहा है की कसाब के मामले में सरकार सही कर रही है गलत ...

            दोस्तों इस मामले में यह कहना चाहता हूँ की हो सकता है सरकार कसाब जैसे आतंकी को मुस्लिम मानकर चल रही है. आज़ादी के बाद आज तक हिन्दू मुसलमानों के दिलो से दुरिया कम नहीं हो पाई हैं. देश बंटवारे के समय जिन्ना ने कहा था की " हमारे खान-पान, हमारे  रहन सहन हमारे क्रियाकलाप, पूजा पढ़ती यह तक कोई बात अपसा में नहीं मिलती  लिहाजा मुसलमानों को अलग देश चाहिए." {हो सकता है शब्दों का हेर फेर हो पर भाव यही थे.} मोह में आकर गाँधी ने देश को टुकडो में बांटने का काम किया. और हिन्दू मुसलमानों के बीच एक ऐसी गहरी खाई पैदा हो गयी जिसे पाटा नहीं जा सका , 
       क्या फायदा मिला देश को खंडित करने का.. मेरी सोच शायद गलत हो पर यह आप बता सकते है देश जब आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था तब हिन्दू मुसलमानों में भले ही कुछ न मिलता हो पर विचार अवश्य आपस में मिले थे. पर बंटवारे के  बाद विचारो में भी मतभेद आ गया, कुछ मुसलमानों ने भारत की क्रिकेट में हुयी हार पर तालिया बजायी तो यह इलज़ाम सारे मुसलमानों पर लगा, इसका एक कारण यह भी रहा की ऐसी घटनाओ पर आम मुसलमान चुप्पी साध लेता है. 
       आज मुस्लिम ब्लोगरो ने असीमानंद और साध्वी के बारे में लिखा और  भगवा { केसरिया} रंग को ही आतंक घोषित कर दिया. मैं देखता भी हूँ मुस्लिम ब्लोगर कसाब के बारे में बहुत कुछ नहीं लिखा. यदि किसी ने एक लेख कसाब के विरोध में लिखे तो १० लेख भगवा के विरोध में लिख डाला .. जबकि केसरिया रंग की महत्ता क्या है, यही नहीं पता  लोंगो को, भले ही कुछ लोग कहें की असीमानंद या साध्वी ने कुछ गलत नहीं किया, पर यह जाँच का विषय है, यदि  वास्तव में उन लोंगो ने इस आतंक की घटना को अंजाम दिया है तो वह गलत है. हिंसा कही से भी जायज़ नहीं है, पर यह परिश्तिथिया पैदा क्यों हो रही हैं. हमारे विचारो में परिवर्तन आ गया है. हम शिक्षित भले ही हो रहे है पर धर्म को लेकर कुंठित हो रहे हैं. हमें निष्ठावान होना चाहिए जबकि हम कट्टर हो रहे हैं. कट्टरता हिंसा ही सिखाती है. मुसलमान कुरान के प्रति कट्टर होता है वह समझौता नहीं करना चाहता, जिन्ना को हम साधुवाद देंगे क्योंकि उस व्यक्ति ने  सच कहने का साहस किया.
  
        मैं देखता हूँ जब कही त्योहारों पर बैठक करते है तो गंगा जमुनी तहजीब की दुहाई दी जाती है. कितने शर्म की बात है हम अपने स्वार्थ  के लिए उसे भी नहीं बख्सते जिसे हम अपनी माँ कहते हैं. हमारी सनातन परम्परा में गंगा को माँ कहा जाता है. गंगा जमुनी तहजीब तब कायम होगी जब हिन्दू ईद पर मुसलमानों के गले लगकर मुबारकबाद दे तो मुसलमान होली पर गले लगने और अबीर लगाने का साहस करे, दोनों नदिया जब आपस में मिलती है तो धार एक हो जाती है. क्या कभी ऐसा लगा.
 
         हमने कुरान के  हिंदी संस्करण को पढ़ा है, जिसमे जगह बहुदेवादी और मुशरिक मूर्तिपूजक}  शब्द का प्रयोग हुआ है. जिसके के आगे क्या लिखा है बताना शायद उचित नहीं होगा. यहाँ हम दूसरे विषय पर बात कर रहे हैं.
       एक अच्छे समाज के लिए हमें उन बातो को छोड़ना होगा. जो आपस में द्वेष पैदा करती है और यह परिवर्तन सिर्फ हिन्दुओ में है.
        हिन्दू धर्म में कहा खाने को लिखा है कहा नहीं, किसके साथ रहना है किससे के साथ नहीं. पाबन्दिया वहा भी है पर लोंगो ने समझौता कर लिया. ऐसा नहीं है की मुसलमान नहीं चाहता वह भी चाहता है की प्रेम मोहब्बत से लोग रहे पर वह संख्या ही कम है. हमारे कुछ दोस्त मुसलमान है जो समाज में सम्मानित ओहदा रखते हैं. पर वे अन्दर अन्दर मुसलमानों की ही गालिया सुनते है. क्योंकि वे होली भी खेलता है और दुर्गा पूजा पर आयोजन भी करते हैं. हमारे यहाँ दुर्गा पूजा की शुरू आत एक मुसलमान भाई ने ही किया था, पर आज भी वह मुसलमानों की जमात में नहीं बैठ पाता.
 
       दोनों तरफ के संकुचित विचारधारा को ख़त्म करना होगा. और यह शुरुआत हिन्दुओ ने की पर उत्तर न पाकर वे भी पीछे लौटने लगे हैं.
      और यही सोच आतंकी के आतंक को देखने के बजाय उसके नाम को देखती है. जब उसकी गन से गोलियां निकल रही थी तो धर्म या जाति नहीं पूछ रही थी वह हिन्दुस्तानी को निशां बना रही थी. जब लोग कसाब को आतंवादी मान रहे थे चाहे वे हिन्दू हो या मुसलमान तब उसे जिन्दा किया गया और मुसलमान बना दिया गया. यह काम सरकार ने किया वोट पाने के लिए. आज उसके खातिर जितना पैसा खर्च किया गया या जा रहा है. यदि वही पैसा अपने देश के गरीबो को सहायतार्थ दिया जाता तो कितने लोंगो के घर में चूल्हे जल जाते वह चूल्हा हिन्दू का होता या मुसलमान का पर एक भारतीय का अवश्य होता. क्योंकि इसी सवाल का जवाब ढूढने में पूरा देश लगा हुआ है. सरकार सोच रही है की यदि अफजल या कसाब को फांसी दी गयी तो मुसलमान नाराज़ न हो जाय. और चुप्पी साधकर मुसलमान इस बात पर मुहर लगा रहा है. गुजरात की बात करने वाले गोधरा और कश्मीर की भी बात करे. .
 सरकार और मुसलमान यदि कसाब के बारे में चुप है तो वह मेहमान  
                  नहीं तो आतंकवादी.
Harish Singh

संस्थापक/संयोजक


भारतीय ब्लॉग लेखक मंच

पूर्वांचल ब्लॉग लेखक मंच 
डंके की चोट पर 

POORVANCHAL PRESS CLUB


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इस पर महाबीर प्रसाद गोएलजी ने वर्तमान कोंग्रिसी सरकार पर करारा वार किया है आइये देखें क्या कहते है महाबीरजी
      जनता को आतंकवादियों पर खर्च हिसाब इन भ्रष्ट नेताओ से लेना चाहिए !  अफजल गुरु और कसाब की महमान गिरी पर सरकार करोड़ों-अरबों रूपए क्यों खर्च कर रही है ? वोटों की राजनीति के लिए जनता की खून पसीने की कमाई इन आतंकवादियों पर खर्च करके ये लुटेरी सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है ! कोई भी कांग्रेसी नेता इन बातों का जवाब क्यों नही देता जनता के बीच में ?  यदि देश भक्तों को अपने देश से प्रेम है तो इन नेताओ से जहाँ भी ये मिले इनसे जवाब माँगना चाहिए ! 
                   
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करनजीत शर्मा ने कहा की
 कसाब और अफज़ल को जिंदा रखकर

सरकार अपने १ % वोट को बचाएगी जबकि ९९ % वोट उसके विरुद्ध पड़ेगा.


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श्री रमेश कुमार जैन ने  कम से कम शब्दों में अपनी बात इस प्रकार कही है.


श्रीमान जी, आपने शब्दों की सीमा से अवगत नहीं करा है. इसलिए कम से कम शब्दों में इसका उत्तर देने की कोशिश कर रहा हूँ.
कसाब आतंकी या मेहमान
वैसे कसाब और उसके साथी हमारे देश में आये तो आतंकी बनकर थें. उसने और उसके साथियों ने जितने चाहे लोगों मारा, विधवा किया, बच्चों को यतीम किया और हमारे देश की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया. हमारे देश के स्वार्थी नेताओं (जिन्हें अपना वोट बैंक की चिंता है) और कमजोर और भष्ट न्याय व्यवस्था के कारण आज हमारा मेहमान बनकर बैठा है. आज उसकी खान-पान, सुरक्षा और उसको करवाई जा रही न्याय प्रक्रिया की सुविधाएँ इतनी उच्च दर्जें की हैं. उस एक अकेले पर करोड़ों रूपये नष्ट किये जा रहे हैं और हमारे देश के व्यक्ति जो अपना ईमानदारी से टैक्स देते थें या हैं. उनके लिए क़ानूनी सहायता निम्न दर्जें की भी नहीं है. इसका जीता जागता सबूत मेरे ब्लॉग "रमेश कुमार सिरफिरा" और "सच का सामना" पर किल्क करके देख और पढ़ सकते हैं. हो सकता आपको मेरी टिप्पणी को प्रिंट करने से घबराट भी हो.लेकिन इस सच को आप झुठला नहीं सकते हैं. आप बेशक प्रिंट करें, मगर यह सिरफिरा सच लिखता आया है और लिखता रहेगा.   

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अनामिका घटक जी की बात में दम है.
ये  आतंकवादी दर असल   हमारा ख़ास मेहमान है .जब किसी विदेशी या यूँ कहिये  दुश्मन देश के व्यक्ति पर करोडो रुपये खर्च किये जारहे है तो उसे हम ख़ास आतंकी मेहमान ही कहेंगे |   
गोपालदास "नीरज" द्वारा रचित कविता  याद आ गयी ..........
स्वप्न झरे फूल से,
मीत चुभे शूल से,
लुट गये सिंगार सभी बाग़ के बबूल से,
और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे
कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे!

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दिनेश वशिस्ट ने अपनी बात पॉइंट के साथ इस प्रकार कही है.

      
       कसाव आतंकवादी या मेहमान.... ? 


1 ) कसाव आतंकवादी है हिंदुस्तान के लिए.
      कसाव मेहमान है कोंग्रेस सरकार के लिए.


2)  कसाव आतंकवादी है मारे गए लोगो एव उनके परिवारजनों के लिए.
      कसाव मेहमान है हिंदुस्तान के नेताओ के लिए. 


3)   कसाव आतंकवादी है हर देश- प्रेमी के लिए  और
     कसाव मेहमान है बिकाऊ, बेशर्म, धोखेबाज और हिंदुस्तान के दुस्मानो के लिए. 

दिनेश वशिस्ट
हिसार, हरयाणा.
  
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देखते है इस पर प्रेमशंकर गुप्ता की क्या राय है.
इसमें कोई दो राय हो ही नहीं सकती कि इस  सरकार  में भ्रष्टाचारी और गद्दार दोनों ही  भरे पड़े है और बाकि बचे हुए लोगो कि आत्मा मर चुकी है| गद्दारों को वोट-बैंक के रूप में देखना ही इनकी निक्रिष्ट प्रवित्ति  का द्योतक है|लेकिन इसी बात को बार बार बिभिन्न रूप से बताने और कहने से कोई बात नहीं बनेगी|. हमें एक होकर और बाबा रामदेवजी कि आज्ञा लेकर गांव गांव और शहर शहर धरना और प्रदर्शन करना पड़ेगा और जैसे हमने अंग्रेजो को “भारत छोडो” का नारा दिया था, वैसे ही “भ्रष्टों और गद्दारों गद्दी छोडो” का नारा देना पड़ेगा| इसके लिये बलिदान कि भी आवश्यकता पद सकती है| साथ ही साथ हमें यह प्राण भी करना पड़ेगा कि चुनाव की स्थिति में हम मत केवल ईमानदार, चरित्रवान , बुद्धिमान और सबसे उपर  देश भक्तो के ही पक्ष में मत दान करेंगे और ऐसे ही प्रेरणा सभी को देंगे यदि हम ऐसा कर सकते है तभी देश का और हमारा कल्याण संभव है.
  
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वन्दना गुप्ताजी ने अपनी बात कटाक्ष में कही है.

कसाब आतंकी या मेहमान
ये कोई पूछने वाली बात रह गयी क्या.......वो तो मेहमान है और वो भी ऐसा वैसा नहीं अगर कोई दामाद से भी बढाकर शख्सियत होती हो तो वो है .........आखिर देश के गद्दार एक गद्दार की ही तो खातिरदारी करेंगे .......देशभक्तों पर तो लाठियां बरसाई जाती हैं ताकि उनके खिलाफ कोई आवाज़ ना उठा सके ..........और गद्दारों की आवभगत की जाती है आखिर गद्दार गद्दार भाई भाई ..........फिर चाहे मासूम जनता की कब्र पर ही क्यों ना गद्दारी का ताजमहल बनाया जाये वन्दना गुप्ता
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 प्रदीप पाठक जी ने इसके लिए नेताओ को ही दोषित ठहराया है.  
कसाब मेहमान है संसद में बेठे हिजड़ो के लिए और आतंकवादी है हिजड़ो को चुनकर लाने वालो के लिए???. दोस्तों यह लड़ाई सिर्फ एक कसाब केखिलाफ नहीं है. कई कसाब दिल्ही के संसद में सारे आम घूम रहें है, उभे भी मौत से बढ़कर सजा देना हमारा अधिकार है. जय भारत प्रदीप पाठक  वर्धा
(महा.)  
  

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राजेन्द्र स्वर्णकारजी ने वंदनाजी की बात का पूर्ण समर्थन कविता लिख कर किया है.
वाह वाऽऽह वंदना जी  ! 

सैल्यूट !  सलाम ! प्रणाम आपकी लेखनी और विचारों को …

मेरी एक रचना की कुछ पंक्तियां आप सबके लिए प्रस्तुत है
सबसे आगे मेरा इंडिया
कभी रहा सोने की चिड़िया !
बहती थी घी दूध की नदिया !
बदहाली बेईमानी में ,
अब है आगे मेरा इंडिया !
घाट - घाट पर घाघ मिलेंगे !
डाल - डाल पर काग मिलेंगे !
आज हिंद की पेशानी पर 
कई बदनुमा दाग़ मिलेंगे !
मौज मनाए भ्रष्टाचारी !
न्याय व्यवस्था है गांधारी !
लोकतंत्र के नाम पॅ
तानाशाही सहने की लाचारी !
हत्यारे नेता बन बैठे !
नाकारे नेता बन बैठे !
मुफ़्त का खाने की आदत थी 
वे सारे नेता बन बैठे !
गिद्ध भेड़िये हड़पे सत्ता !
भलों - भलों का साफ है पत्ता !
न्याय लुटा ईमान लुट गया ,
ग़ाफ़िल मगर अवाम अलबत्ता !
मक्क़ारों की मौज यहां पर !
गद्दारों की मौज यहां पर !
नेता  पुलिस  माफ़िया गुंडों 
हत्यारों की मौज यहां पर !
राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar
राजेन्द्र स्वर्णकार

Blog  :  शस्वरं
Link   :  http://shabdswarrang.blogspot.com

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ऋषिराजजी ने दिग्विजयसिंह की वाणी में कटाक्ष किया है.

Kasab hi nahin, sabhi aatankwadi aur bhrashtachari congressyon ke  damad jaise mehaman hain, jaise Ladenji, Kasabji, Afzal Guruji, Soharabuddinji, aur aise hi senkadon, unki jan keemati hai, unke nam se vote milte hain. Enke khatir kuch bechare to jan se hee khatam ho gaye, bewakoof the, unke biwe-bachche anath ho gaye, aur unke nam par  yeh raaj kar rahe hain. Mumbai par phir hamla hua, Home Minister aur bhawee Prime Minister kahte hain ki aisee ghatanayen to otee rahati hain, enhen rokna sambhav nahin hai. Kitne eemandar neta hain. Aakhir damadon ke khilaf karyawahee kaise karen?
--
*Rishiraj tiwari *



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डॉ. श्याम गुप्तजी ने एक ही लाइन में अपनी बात कह दी है

आतंकी ..कोई शक...


                                                          
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राम प्रसाद जलन जी ने तो सभी भारतओ की तरफ से फांसी  की मांग कर दी है.


bharat desh ke sabhi nagrik,chhote,bade,bujurg,mahilayen aur purush evam mahilayen,kisi bhi mazhab ya dharm kr ho,sabhi yahi kahane ko kahenge ki 'kasab'ko shighhra phansi honi chahiye woh aatanki hai.kahane me kya hai?sach yahi hai ki koi bhi muslim dil se nahi bolega,sabse bada example hai OSAMA BIN LADEN?KASAB aatanki hai.

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राजेश  जी ने अपनी भड़ास  गाँधी परिवार पर उतारी है. 
VANDNA GUPTA JI AAP KE DESH BHAGTE KE JAJBEY KO PARNAM
KESAB KOI CHOOTA MOOTA MEHMAN NAHI HAI JEH TO RAUL VINCHI(AJJ KAL RAHUL GANDHI) KA JEJE HEY OR SONEY KUTE KA PUTTAR. HAI AMRECAN AGENT MANMOHAN SING KE TO PAGDE HAI ES LEYA APNI ETNE PEYARE CHEEJ KO SABI SAMBHAL KAR HE RAKH TE HAI
RAJESH SHARMA
TEHSIL PARBHARI
BHARTSWABHIMAN
HOSHIARPUR PUNJAB


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वंदना गुप्ता  ने भी राजेश जी का पूर्ण समर्थन किया है. 
rajesh ji



ye sab chikne ghade ho gaye hain kuch kah lijiye in par asar nahi hone waala.

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आदर्श भलाजी ने भी इस बहाने बीजेपी. पर वार किया है.


और जिनको अडवानी हवाई जहाज मैं बैठा केर छोड़ आया था वोह कौन थे,  

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पूर्णिमा बेरी जी ने लोगो के अन्तकरण को जगाने वाले इस प्रयास के लिए सुभकामनाये दी है.  


Congrats for starting  some thing which is so much required to awaken the peoples conceince.i wish this takes a practical shape.
                 Purnima Beri
       Joint Managing Director
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शिखा कौशिकजी  ने इंसानियत की दुआई दी है.



''कसाब को फांसी पर चढ़ाया जाये ''

कसाब भी एक इन्सान था 
फिर कैसे वो ऐसा काम कर गया ?
माता -पिता से छीन लिए बच्चे  
और बच्चों से छीन लिए माँ-बाप .
26 नवम्बर २००८ को कसाब एक 
हैवान हो गया -शैतान हो गया 
फिर कैसे वो हमारा मेहमान हो गया ?
हम तो चाहते हैं वो फांसी पर 
चढ़ाया जाये और सभी आतंकियों को 
यह सन्देश पहुँचाया जाये 
अब अगर किसी मासूम की तरफ 
नज़र भी उठाओगे तो इसी तरह 
फांसी पर चढ़ाये जाओगे .
                    शिखा कौशिक 

====x====x====                                    
रेखा श्रीवास्तव ने सरकारी निति पर लानत की है.


कसब किसी के लिए आतंकवादी है और किसी के लिए मेहमान. इसके स्पष्ट करने कि कोई भी आवश्यकता नहीं अहि क्योंकि हमारी सरकार उन्हें सरकारी मेहमान बना कर पाल रही है और एक कसब ही क्यों? और कितने कसब पल रहे हैं किसी मुंबई काण्ड के इन्तजार में और फिर 'आतंकी हमलों को रोका नहीं जा सकता है.' ऐसे वक्तव्य दिए जाते हैं. लानत है ऐसे सरकार और ऐसे देश चलने वालों par.
रेखा श्रीवास्तव
http://kriwija.blogspot.com/
http://hindigen.blogspot.com
http://rekha-srivastava.blogspot.com
http://merasarokar.blogspot.com
http://katha-saagar.blogspot.com
    
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डॉ. आशुतोष जी ने जनता को ही खुद समर्थ होने की बात की है.


मुंबई में आतंकी हमले पर सत्तारूढ़ राजनेताओं के बयानों के गूढार्थ
 अब घबराओ जाओ घर में प्रवेश करो  
निकलो नहीं बाहर आतंकी आ जायेगा 
देखते ही देखते वो निकालेगा बम और 
फोड़ देगा बाज़ार में प्राण तेरे खायेगा 

कल एक राजनेता यही बात बोलता तो 
एक ये बताता कोई वार न बचाएगा
अफजल अजमल की सेवा में लगे सब 
नौकरी तुम्हारी कोई नहीं बजा पायेगा

करना ही चाहो यदि अपनी सुरक्षा तुम
खुद करो व्यवस्था न कोई कर पायेगा
पर तेरे हाथों यदि एक भी आतंकी मरा
तो कठोर घोर दंड ध्यान रख पायेगा

पर एक बात तेरे हित की बताता हूँ मै
लूटने दे मुझे सब नहीं पछतायेगा
देश के लिए तो बस मर सकता है यूँ  ही
इसके अलावा कुछ कर नहीं पायेगा 
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ओज कवि एवं ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

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अंकित जी क्या कहते है आप भी पढ़ें.

मुझे न तो कसब से कोई परेशानी है और ना ही मुम्बई में विस्फोट करने वालों से आखिर वो तो शत्रु पक्ष के सैनिक हैं और हम युद्ध की स्थिति में , समस्या तो हमारे अपने सेनानायकों से हिं जो शत्रु पक्ष के सैनिकों का वध करने के स्थान पर उनका सत्कार कर रहे हैं  और इस प्रकार से शत्रु पक्ष के सैनोकों का उत्साह वर्धन कर रहे हैं और उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं , 


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प्रेम शंकर गुप्ता जी ने बाबा रामदेवजी की रह में चलने को कहा है.

        गद्दारों का साथ देने वाले / उनको सुरक्षा करनेवाले, सभी गद्दार ही कहलायेगे. फिर इस देश का धन लूट कार विदेशो में जमा करना भी गद्दारी ही है. ऐसे सब लोगो को या तो देश निकाला देना चाहिए य आजन्म करावाश कि सजा देनी चाहिये. पर दुर्भाग्य के साथ साथ हमारी कायरता भी है कि ऐसे लोग हमारे देश पर साशन कर रहे है|.

 इस तरह हम सभी अपनी कायरता और दुर्दशा के लिये स्वयंब जिम्मेदार है. गद्दारो को सजा देने के पहले हमें स्वयंब को  ठीक करना पड़ेगा और प्रण करना पड़ेगा कि हम सब भारत प्रेमी आपसी भेद भाव भुलाकर और एक होकर बाबा रामदेवजी कि आज्ञा अनुसार देश कि रक्षा के लिये
.

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आदर्श कुमार पटेल तो भड़क गए इन सरकारी राष्ट्र विरोधी नीतियो पर

तना दुस्साहस पूर्ण काम और क्या होगा.....183 लोगोँ की मौत का जिम्मेदार हमारे देश का मेहमान बना हुआ है।यह तथ्य सरकार की सारी पोल खोलता है। हर दिन एक अपराधी पर लाखोँ खर्च करना कहाँ तक उचित है। वर्तमान की हालत को देखते हुये यह कहा जा सकता है कि....... कसाब महाशय आपको जो कष्ट पहुँचा हो तो क्षमा करेँ...... आप इन देशभक्तोँ की बातोँ पर ध्यान न देँ.... ये लोग कुछ दिन चिल्लायेँगे फिर पहले की तरह शाँत हो जायेँगे.......

सत्य ही है हम लोग ऐसा ही कुछ कर रहे हैँ क्या कर सकते हैँ हम लोग? प्रश्न यह भी तो है?
आदर्श कुमार पटेल 

                                     
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प्रदीप पाठक जी ने अच्छा कटाक्ष किया वर्तमान परिस्थिति पर 

KYA KASAB ATANKWADI HAI? KYO USE ATANKWADI KAHA JAYE? KHABARDAR KISINE USE ATANKWADI KAHA TO, VARNA MADAM JI & MADAM JI KE PM JI NARAJ HONGE AUR UNKE PALTU KU.......E LATHINYA LEKAR AYENGE. RAMLILA MAIDAN KI TARAH. DOSTO JABTAK IS DESH SE PARIWARIK NETRUTVA KO NAHI HATAYA JAYENGA TABTAK IS DESH ME KAI KASAB AAYENGE, AUR DAMAD KI TARAH MEHMAN BANKAR RAHENGE. DOSTO KYA AB WAH SAMAY NAHI AYA KE HAME HAMARE SANVIDHAN ME NAYE KANOON KA IJAFA KARNA JARRORI HO GAYA HAI. BADE DURBHAGYA KI BAAT HAI KI DESH KA (IMANDAR)? PM JISKI SARI SENA (MANTRI AUR SANTRI) BHRASHTACHARI AUR ATYACHARI HAI, AUR HAMARE PM DUM HILATE HUYE SIRF MADAMJI..2 KAHTE HUYE GHUMTE RAHTE HAI. AIYE HUM SUB BABA RAMDEV & ANNAJI KE SATH RAHE AUR BHARTIYA HONE KA KARTAVYA AKHARI DAM TAK SAMPURNA SAHYOG SE PURA KARE.... THANKS TO YOU , TO CREATE A NICE PLATFORM FOR EXPRESS FEELINGS & EMOTIONS THAKSTO ENTIRE TEAM WHICH IS WITH U. PRADIP S.PATHAK NIPL PARIWAR WARDHA(MAH)
                            =====x=====x=====x=====x=====x=====x=====x=====

धन्यवाद आप सभी देश भक्तो का जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपनी बात कही है. इस देश के सभी लोगो में रोष है आतंक वाद के खिलाफ, सरकार की नीतिओ के खिलाफ.   जो लोग ईमेल ग्रुप में सामिल नहीं है वे भी अपने राय अवस्य दें. आपके लेख, आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है भूलवस् आपकी प्रविष्ठीया यहाँ  छूट गयी हो तो कृपया कमेन्ट बॉक्स में अथवा हिंदुस्तान की आवाज़ ग्रुप मेल के द्वारा संपर्क करें..

3 टिप्‍पणियां:

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक ने कहा…

दोस्तों मेरे पास तो जानकारी का अभाव है.मगर अगर आपको जानकारी हो तो इस पोस्ट कहूँ या टिप्पणी या विचारों को सरकारी कार्यालयों के साथ ही पुलिस विभाग और कानून मंत्रालय,संसद और सुप्रीम कोर्ट आदि में ईमेल करके एक जनांदोलन शुरू कर दियो. अगर किसी को कोई परेशानी हो तो मुझे सब की ईमेल का डाटा भेज दो.मैं अपना सबसे पहले सिर कटवाने के लिए तैयार हूँ और इसके लिए फांसी का फंदा सबसे पहले चूमना भी चाहूँगा.दोस्तों एक मंच कुछ अच्छी-अच्छी बातें में लिख सकता हूँ मगर उनको आगे बढ़कर कुछ करना दूसरी बात है.देखते हैं कितने लोग मुझे मेरी मौत के करीब जाने में डाटा उपलब्ध कराकर मदद करते हैं.

शिखा कौशिक ने कहा…

बहुत अच्छा आयोजन रहा .बस कसाब को फांसी लग जाये तो सोने पर सुहागा हो जाये .आभार

Shalini kaushik ने कहा…

बहुत सही कहा सभी ने और आज ये ज़रूरी भी है कि कसाब जैसे इन्सान और इंसानियत के हत्यारे को जल्द से जल्द फांसी दीजाये.ये हमारे देश के कानून की कमी ही कही जाएगी कि यहाँ जो साक्षात् अपराधी दीखते हैं और कानून के अंतर्गत अपराधी साबित भी कर दिए जाते हैं उनकी सजा की कार्यवाही के लिए भी राजनीति की ओर टकटकी लगा कर देखना पड़ता है जबकि हमारी न्यायपालिका को संविधान के संरक्षक का दर्जा प्राप्त है फिर भी उसके निर्णय के उपर भी सत्ता के गलियारे हैं.यही सबसे दुखद पहलू है ओर इसी कारण कसाब जैसे अपराधी यहाँ मौज काटते हैं.

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