तिहाड़ जेल में बंद 2जी और कॉमनवेल्थ घोटालों के आरोपी जेल में भी ऐश की जिंदगी गुजार रहे हैं। इन वीआईपी कैदियों को जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय-नाश्ते, बैरक से आने-जाने, पूरी जेल में चाहे जहां घूमने और दूसरे आरोपियों से मिलने की पूरी छूट हासिल है।
ट्रायल कोर्ट के जज बृजेश कुमार गर्ग ने जब जेल का अचानक दौरा किया तो हाई प्रोफाइल विचाराधीन कैदियों को जेल के अधिकारियों से मिलने वाली खुली छूट को देख कर हक्के-बक्के रह गए। कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के मुखिया सुरेश कलमाड़ी जेल सुपरिंटेंडेंट के चैंबर में उनके साथ चाय-नाश्ता कर रहे थे। जज को 2जी घोटाले के आरोपियों की बैरक खुली मिली और आरोपी कहीं भी जाकर किसी से भी मिल सकते थे।
By: mahabirparshad goel
डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज को दी गई रिपोर्ट में जज बृजेश गर्ग ने कहा, ‘ मैं सुरेश कलमाड़ी को जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय-नाश्ता करता देख कर हैरान रह गया। ’
जब गर्ग ने पूछा कि कलमाड़ी वहां क्या कर रहे हैं तो उन्हें जवाब मिला कि वह हॉस्पिटल जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि जेल सुपरिंटेंडेंट चाय-नाश्ते पर कोई जवाब नहीं दे पाए। सुपरिंटेंडेंट से कलमाड़ी को दिए जाने वाले मेडिकल ट्रीटमेंट का पूरा रेकॉर्ड देने के लिए कहा गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स, 2जी स्पेक्ट्रम और नाल्को घोटालों के आरोपियों की बैरकों में ताला नहीं लगा था। हालांकि गर्ग को सभी आरोपी अपनी-अपनी सेल में ही मिले। गर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ‘ यह पाया गया कि जेल अधिकारी गर्मी की छुट्टियों के दौरान जज के अचानक दौरे की उम्मीद नहीं कर रहे थे और जेल अथॉरिटीज़ से हाई प्रोफाइल कैदियों को खुली छूट मिली हुई थी, जिसकी वजह जेल अथॉरिटीज़ ही बता सकते हैं। ’
तिहाड़ के पुराने बाशिंदे भी इस स्पेशल ट्रीटमेंट से बाहर नहीं थे। नीतीश कटारा की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए विकास यादव और विशाल यादव भी वहां सैर कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया, ‘ विशाल यादव और विकास यादव तय वक्त से अलग जेल के गार्डन में घूम रहे थे। ’ जेल सुपरिंटेंडेंट इसकी भी कोई सफाई नहीं दे सके।
गर्ग ने कहा, ‘ ऐसा लगता है कि जेल अथॉरिटीज़ ने 2 मानक बना रखे हैं। एक हाई प्रोफाइल कैदियों के लिए और दूसरा बाकी सबके लिए। जेल अधिकारियों की कृपा से सेंट्रल जेल नंबर-4 में हाई प्रोफाइल कैदी बिना किसी रोक-टोक के रह रहे हैं। ’
ट्रायल कोर्ट के जज बृजेश कुमार गर्ग ने जब जेल का अचानक दौरा किया तो हाई प्रोफाइल विचाराधीन कैदियों को जेल के अधिकारियों से मिलने वाली खुली छूट को देख कर हक्के-बक्के रह गए। कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के मुखिया सुरेश कलमाड़ी जेल सुपरिंटेंडेंट के चैंबर में उनके साथ चाय-नाश्ता कर रहे थे। जज को 2जी घोटाले के आरोपियों की बैरक खुली मिली और आरोपी कहीं भी जाकर किसी से भी मिल सकते थे।
By: mahabirparshad goel
डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज को दी गई रिपोर्ट में जज बृजेश गर्ग ने कहा, ‘ मैं सुरेश कलमाड़ी को जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय-नाश्ता करता देख कर हैरान रह गया। ’
जब गर्ग ने पूछा कि कलमाड़ी वहां क्या कर रहे हैं तो उन्हें जवाब मिला कि वह हॉस्पिटल जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि जेल सुपरिंटेंडेंट चाय-नाश्ते पर कोई जवाब नहीं दे पाए। सुपरिंटेंडेंट से कलमाड़ी को दिए जाने वाले मेडिकल ट्रीटमेंट का पूरा रेकॉर्ड देने के लिए कहा गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स, 2जी स्पेक्ट्रम और नाल्को घोटालों के आरोपियों की बैरकों में ताला नहीं लगा था। हालांकि गर्ग को सभी आरोपी अपनी-अपनी सेल में ही मिले। गर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ‘ यह पाया गया कि जेल अधिकारी गर्मी की छुट्टियों के दौरान जज के अचानक दौरे की उम्मीद नहीं कर रहे थे और जेल अथॉरिटीज़ से हाई प्रोफाइल कैदियों को खुली छूट मिली हुई थी, जिसकी वजह जेल अथॉरिटीज़ ही बता सकते हैं। ’
तिहाड़ के पुराने बाशिंदे भी इस स्पेशल ट्रीटमेंट से बाहर नहीं थे। नीतीश कटारा की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए विकास यादव और विशाल यादव भी वहां सैर कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया, ‘ विशाल यादव और विकास यादव तय वक्त से अलग जेल के गार्डन में घूम रहे थे। ’ जेल सुपरिंटेंडेंट इसकी भी कोई सफाई नहीं दे सके।
गर्ग ने कहा, ‘ ऐसा लगता है कि जेल अथॉरिटीज़ ने 2 मानक बना रखे हैं। एक हाई प्रोफाइल कैदियों के लिए और दूसरा बाकी सबके लिए। जेल अधिकारियों की कृपा से सेंट्रल जेल नंबर-4 में हाई प्रोफाइल कैदी बिना किसी रोक-टोक के रह रहे हैं। ’
1 टिप्पणी:
aur kya ??
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