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शुक्रवार, 5 अगस्त 2011


     समाचार पत्रों में छपी खबरों के अनुसार सोनिया गाँधी को वाईरल फिभर हुआ था ! फिर बाद में खबर आयी कि सोनिया जी अपनी शल्य-क्रिया करवाने विदेश गयी हैं ! कहाँ गयी पता नहीं ? परन्तु फिर खबर आयी कि अमेरिका में उस्तरा चलवा रही हैं ! अब सहज प्रश्न उठता है कि वाईरल फिभर के लिए शल्य-क्रिया (ओपरेशन) की क्या आवश्यकता है ? फिर किसी ने बताया कि कैंसर हो गया है !

अब इस बीमारी कि खबर के बाद कहा गया कि देश सम्हालने का जिम्मा वो राहुल को सौंप गयी हैं ! परन्तु बाद में खबर आयी कि राहुल और प्रियंका भी साथ गए हैं ! और बढेरा भी ! फिर यह देश तो अब कागजों पर चल रहा है ! पता नहीं बेचारे मनमोहन अब क्या करेंगे ?

भाई आप लोग तो कुछ भी कयास लगाओ मुझे उससे कोई मतलब नहीं है ! लेकिन मेरी अंतर्दृष्टि कहती है कि यह देश में आसन्न संकटों के कारण उपस्थित प्राण-भय के कारण यह होसियारी से किया गया पलायन है ! यह देश से भागने की दूसरी कोशिश है सोनिया (एड्विग एन्टोनिया एल्बिना मायिनो) गाँधी का ! पहली कोशिश तब की गयी जब स्विस बैंकों में जमा धन को ठिकाने लगाने ८ जून को निजी विमान से स्विट्ज़रलैंड गयी थी अपने सभी खाताधारी सम्बन्धियों के साथ !

अब संसद का सत्र चल रहा है ! सारी बेईमानी का दस्तावेज ऊपर आ चूका है पहले ही ! शेयर बाजार औंधे मुँह गिर रहा है ! कीमतें आसमान पर जा पहुँची हैं ! और अन्ना अड़े हैं भारत की जनता को दिल्ली बुलाने के लिए ! अब सोचो ! जब भारत की सभी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट कह रही हैं कि जनता उमड़ कर आने वाली है अन्ना के अनशन में ! दिल्ली में भीड़ नियंत्रित करना मुस्किल हो जायेगा ! मिस्र और लीबिया इत्यादी देशों के सारे रेकॉर्ड टूटने वाले हैं ! ऐसे में अगर जनता का मुड बिगड़ गया तो लोगों को १० जनपथ पहुँचते कितनी देर लगेगी ! और सरकार को पहले से पता है कि अब धरना के बारे में कोर्ट अन्ना को हरी झंडी दिखाने वाला है ! और तब शायद दिल्ली पुलिस कोर्ट के निर्देशों पर काम करेगी ! अब सोनिया जी के हाथ से बाजी निकल चूकी है तो बेचारी अबला अब क्या करे ? अपने बच्चों को लेकर सेफ हेवेन में चली गयी ! आखिर प्राण रक्षा भी तो एक धर्म है !

यह सब तो ठीक है परन्तु जनता जब दिल्ली आएगी तो फिर सिब्बल, दिग्विजय, चिदंबरम, प्रणव मुखर्जी, सुबोधकांत सहाय, मनीष तिवारी, सिघवी और बेचारे हिंदी शिक्षक जनार्दन द्विवेदी जी को कौन सा सबक सिखाएगी ? और जब जनता की पाठशाला शुरू होगी तब ये लोग डंडा खाने पर मम्मी-मम्मी चिल्लायेंगे ! और मम्मी तो बैठी है अमेरिका में ! तब सोचो कैसा दृश्य होगा ? है न मजेदार कल्पना ? सोचो ! सोचो !! मेरे भाईयों, बहनों ! बड़ा मजा आएगा न ? जैसा मजा ४ जून को आया था उससे भी ज्यादा मजेदार होगा यह दृश्य ! हा हा हा हा.....तालियाँ ! गालियाँ ! और देखो इस बार जुत्ता केवल दिखाना मत मारना भी !
 
email from 
koranne.n@gmail.com

2 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

yadi ye desh se bhagne ya safe jone me jane ki bat hai to vastav me nindniy hai kintu yadi sonia ji vastav me beemar hain to is tarah se majak ka vishay nahi hai .ye bhi vicharniy hai ki yadi kisi aam bharatiy mahila aisee zindgi bhuagatti hai to use koi beemari hone par sabhi ko usse sahanubhooti hoti hai kintu rajneeti aisee kutsit jagah hai ki yahan sabhi ek shreni me rakhe jate hain aur inke prati soch bhi janta ek si hi rakhti hai hamesha aalochna bhari .
hamari to bhagwan se yahi kanma hai ki yadi ve vastav me beemar hain to prabhu unhe jald se jald swasth karen kyonki ek swasth vyaktin se hi kisi tarah kee aasha nirasha ho sakti hai kam se kam hamari bharatiy sanskriti hame yahi sikhati hai.

ZEAL ने कहा…

इस ओजमयी कविता को और इसके रचनाकार को नमन ।

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